भारत के हृदय-राज्य मध्य प्रदेश में बसी सुंदर नगरी, इंदौर, जिसे 'हृदय की नगरी' के नाम से भी जाना जाता है, साहित्य और कला की सतत धाराओं का स्रोत बन गई है। हर साल यहाँ "हैलो हिंदुस्तान" द्वारा अयोजित " इंदौर साहित्य उत्सव" नागरिकों के दिलों में बसने वाले साहित्यकारों, कलाकारों और पाठकों के लिए एक नया मिलनसार उत्सव बन गया है।यह तीन दिवसीय समारोह साहित्य, कला, संगीत और वाणिज्यिक गतिविधियों का एक सुंदर मिश्रण होता है। यह साहित्य प्रेमियों,कला के प्रशंसको व हर वर्ग के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है|इस महोत्सव का एक मुख्य उद्देश्य भाषा, साहित्य और कला के माध्यम से विभिन्न सांस्कृतिक मूल्यों का प्रसार करना है । यहाँ पर आने वाले साहित्यकार और कलाकार अपने ज्ञान और अनुभव को साझा करते हैं,व युवाओं को साहित्य और कला की दुनिया से जुड़ने का मौका मिलता है।महोत्सव के दौरान विभिन्न सेशन्स और प्रस्तुतियों का आयोजन होता है, जिसमें चर्चाएं, कविता पाठ, किताबों का विमोचन और कला प्रदर्शनियाँ शामिल हैं। साहित्यकारों के साथ-साथ बच्चों और युवाओं के लिए विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं, जो उन्हें साहित्य के प्रति रुचि बढ़ाने में अग्रसर हैं।इस साहित्य महोत्सव का एक खास अंदाज़ वो होता है जिसमें देश के प्रमुख साहित्यकार, कवि और विचारक भाग लेते हैं और पाठकों के साथ संवाद करते हैं। यहाँ पर साहित्य के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गहरे विचार किए जाते हैं |यह नगरी को भाषा, कला और साहित्य के माध्यम से विश्व में उच्चाधिकृत करता है।** निष्कर्ष **इंदौर साहित्य महोत्सव सिर्फ एक आयोजन नहीं है; ये शब्दों की शक्ति का सम्मान है, मानव रचनात्मकता का उत्सव है, और संस्कृति और बौद्धिक विकास को बढ़ावा देने के लिये शहर की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। चाहे आप किताबी प्रेमी हों या साहित्य की दुनिया के बारे में जानने के लिए उत्सुक हों, यह त्यौहार शब्दों की दुनिया में एक अविस्मरणीय यात्रा का वादा करता है"यहां कहानियां जीवंत हो जाती हैं,विचारों को पंख मिलते हैं,8 वर्षों से इस उत्सव में,साहित्य के नए कुसुम खिलते हैं" स्नेहा अमरोदिया
"इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल" स्वयं में अनूठा, अद्भुत, अद्वितीय और गरिमामय साहित्योत्सव! "सहितस्य भाव साहित्य" अर्थात जिसमें सभी के हित का भाव हो वही साहित्य है। वर्ष 2015 से अपनी पूरी ऊर्जा से सतत् प्रवाहमान इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल अपने संपूर्ण सौदर्य और लालित्य के साथ इस उद्देश्य की पूर्ति करने में सक्षम सिद्ध हुआ है। लैटिन शब्द "लैटर" से बने "लिटरेचर" शब्द का अर्थ है -भाषा के माध्यम से अंतरंग की अनुभूति एवं अभिव्यक्ति कराने वाली ललित कला। गत वर्ष सीज़न आठ (25,26,27 नवंबर 2022) प्रकृति के संपूर्ण वैभव से दमकते डेली कॉलेज में लिटरेचर का यह अर्थ भी सहज ही अनुभवगम्य था। डेली कॉलेज का सजीला प्रांगण...समुचित सुव्यवस्था, रंग-बिरंगी चटकीले रंगों की छतरियों की मोहक सज्जा! संपूर्ण कार्यक्रम की बागडोर संभाले,अपनी पूरी ऊर्जा से कर्मरत कर्मयोगी,सहज,सरल, सौम्य व्यक्तित्व के स्वामी -प्रवीण शर्मा जी और उनकी युवा टीम की कर्मनिष्ठा! ऊर्जा का सतत् अविरल, निर्बाध प्रवाह... कार्यक्रम को शिखर तक पहुँचाने का दृढ़ संकल्प शब्द नहीं व्यवहार में सहज ही परिलक्षित होता है। अलग-अलग मंचों पर आयोजित अलग-अलग कार्यक्रम... पूरी शिद्दत से समय का कुशल प्रबंधन,शायद इस कार्यक्रम की सफलता का मूलाधार है। साहित्य में सृजनशीलता अनिवार्य है किंतु साथ ही महान विभूतियों-प्रेरकों की प्रेरणा भी मन मानस को नवोर्जा-नवोत्साह से भर देती है। साहित्य एवं कला जगत की नामचीन हस्तियों का सानिध्य साहित्य प्रेमियों को उल्लसित कर,नई दिशा प्रदान करता है। साथ ही स्थानीय साहित्यकारों और कलाकारों को भी खुला मंच प्रदान करने में इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल का महत्त्वपूर्ण योगदान है। मालवा की सांस्कृतिक परंपरा के अनुरूप यह आयोजन उत्सव के रूप में होता है जिसमें मालवा की माटी की सौंधी गंध है। साहित्य उत्सव की यह निर्झरणी अपने पूरे वैभव और वेग के साथ दीर्घ काल तक यूँ प्रवाहित होती रहे! यशोधरा भटनागर
Described as the ‘greatest literary show on Earth’, the Indore Literature Festival is a sumptuous feast of ideas. From past 2 years have seen it transform into a global literary phenomenon, having hosted nearly 200 speakers and welcoming over a million book lovers from across India and the globe. As the years pass and the Festival grows, our core values remain unchanged: to serve as a democratic platform offering access to all. Every year, the Festival brings together a diverse mix of the world’s greatest writers, thinkers, humanitarians, politicians, business leaders, sports people and entertainers on one stage to champion the freedom to express and engage in thoughtful debate and dialogue. Himanshi Tandi
Embark on a journey and insights of one of the most intriguing event of 2022, Indore litrature fest proved not just to be an event about authors and their literary achievements but it celebrates the community that enjoys art, culture, litrature alltogether and it's unique layout included all from interviews of my favourite authors to having a candid conversation and kept it entertaining with musical shows. A privilege I'll always be glad about was listing Ashwin sanghi talking about his perspective and how his personal life also resonates in his writing and his approach of building bridge and connections about mythologies proved to be one of the most insightful and interesting interview I have ever heard! The way this festival is not like any other literary event is because it constantly kept us on our feet with their amazing speakers and artists, and I just not only get to listen them but got to ask questions to them and have a conversations which helped it to make a unique experience altogether. Riya Waikar